सीधी, सपाटकंकरीट सड़कके वक्षस्थलपर से जातेआपनेविस्तृत घासके नरम, गुदगुदेहरित वस्त्र परसर्पीले श्वेत पटसे पडेमुझेदेखा तो होगा!नाम की जिसे परवाह नहीं,प्रगति की कोई चाह नहीं,अपनी पह्चान रहेइसका भी सवाल नहीं,कलान्त पथिक कीस्वेद बूंदें कुछ सोख सकूँ,उसकी मंज़िल कीलम्बाई तनिक कम करूं,इसे छोटी चाह से हीअपना अस्तित्व जमायामैंनेदो विशालकाय राहोंके गर्वीले अहंको ऊँचा रखउनका मिलन करायामैंनेमैं,जिसे, आप […]
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अभिशप्त
मां का गर्भनाम था दूसराप्रश्रय अपरिमित काकिन्तु हाय विडम्बनानारी के भाग्य कीअजन्मी वह छोटी सी अवधिभी टिक न पायी सुरक्षितछोटा सा वह घरौंदाठण्डे लौह यन्त्रोंकी चपेटमेंकराह उठापुत्री ने उस अन्धकार मेंअजन्मे हीप्रश्रयदात्री की ठण्डी आँखों मेंआँखें डाल दीऔर पूछाअब तुम भी?और यहाँ भी?औरत जाति की छाप लिएमैंपर्वतों की दरारों सेखुराक खींचती थीअजन्में ही वह ठप्पा […]
T.S Eliot And Modern Hindi Poets
Indian response to T.S.Eliot, a myth or a mantra, has been haunting our literary pundits since he quoted the Upanishadic aphorism ‘Datta, Dayadhvam, Damyata’. Explicitly or implicitly Indian response to T.S. Eliot has taken the form of the exploration of Indian thought in his work as well as his impact on Indian literature. His impact […]